Kalashtami Upay 2024 : कालाष्टमी के दिन इन उपाय से जीवन की कई समस्याओं का समाधान मिलता है, धन-संपत्ति का भी मिलेगा लाभ

Kalashtami Upay

Kalashtami Upay 2024: ये उपाय देते हैं जीवन की कई समस्याओं का समाधान

2024 में कालाष्टमी की तिथि 2 फरवरी निर्धारित है। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाने की प्रथा है। इस दिन वे भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं। वास्तव में, भैरव तीन प्रकार के होते हैं: काल, बटुक और रुरु। कालाष्टमी के दिन भगवान शंकर के काल भैरव स्वरूप की पूजा करें, आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और जीवन की चिंताएं दूर हो जाएंगी। इसलिए, हमें बताएं कि कालाष्टमी के दिन विभिन्न भाग्यशाली परिणाम प्राप्त करने के लिए आचार्य इंदु प्रकाश द्वारा कौन से उपाय किए जाने चाहिए।

1. यदि आप अपने व्यवसाय को विदेश या दूर-दराज स्थानों तक ले जाना चाहते हैं। ऐसा करने के लिए कालाष्टमी के दिन किसी भैरव मंदिर में जाएं और सवा ग्राम साबुत उड़द उड़द का भोग लगाएं। इसके बाद उड़द के 11 दाने गिनकर अलग-अलग निकाल लें। फिर इन्हें काले कपड़े में बांधकर कार्यस्थल पर तिजोरी में रख दें। यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि कपड़े में रहते हुए हर दाने के साथ ‘ओम ह्रीं बटुकाय आपुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ओम’ मंत्र का जाप करें।

2. यदि आप स्वयं को अधिक आरामदायक बनाना चाहते हैं। अत: आपको कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव के सामने सरसों के तेल का एक मिट्टी का दीपक जलाना चाहिए और मंत्र को तीन बार बोलना चाहिए। ‘ॐ ह्रीं बटुकाय आपुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ’ मंत्र है। इसके अतिरिक्त, व्यक्ति को अधिक सुख-सुविधाएं प्राप्त करने के लिए भगवान भैरव से प्रार्थना करनी होगी।

3. अगर आप साहसी और आत्मविश्वासी बनना चाहते हैं तो कालाष्टमी के दिन आपको अपने पितरों के साथ-साथ भैरव जी की भी पूजा करनी चाहिए और उनके लिए तर्पण करना चाहिए। ब्राह्मण को भी श्रद्धापूर्वक भोजन कराना चाहिए।

4. यदि आपके जीवन में समस्याएँ आ रही हैं। इसलिए आपको उसे अपने जीवन से दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को सरसों के तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलानी चाहिए। रोटी पर तेल लगाते समय भैरव का ध्यान करना चाहिए और पांच बार मंत्र का जाप करना चाहिए। ‘रिम बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ’ मंत्र है।

5. आपके मन में जो भी भय है उसे दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन आपको भगवान भैरव के चरणों में एक काला धागा रखना चाहिए। पांच मिनट तक उस धागे को वहीं छोड़ दें और मंत्र दोहराएं। मंत्र है ‘ओम ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ओम।’ वहां से उस धागे को ले जाएं और पांच मिनट बाद अपने दाहिने पैर पर गांठ लगा लें।

6. यदि आपका कंपनी पार्टनर आपको अपना पूरा सहयोग नहीं दे रहा है, जिसके कारण आप अपना काम नहीं कर पा रहे हैं। इसके फलस्वरूप कालाष्टमी के दिन आपको भैरव बाबा को चीनी मिली हुई रोटी का चूरमा चढ़ाना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने की भी सलाह दी जाती है। ‘ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ’ मंत्र है। मंत्र जाप के बाद चूरमे का एक छोटा हिस्सा प्रसाद के रूप में खाएं, फिर बचा हुआ प्रसाद दूसरों को बांट दें।

7. कालाष्टमी के दिन, आपको स्नान या कुछ भी करने के बाद भगवान शिव की छवि के सामने एक चटाई पर बैठना चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ करने के बाद एक बार भैरव मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है। ‘ओम ह्रीं बटुकाय आपुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ओम’ भैरव मंत्र है। कालाष्टमी: ऐसा करने से आपके जीवनसाथी की समस्याएं दूर हो जाएंगी और परिणामस्वरूप आपकी समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

8. यदि आप मानते हैं कि आपके बच्चे की उन्नति न होने का कारण उस पर कोई जादू-टोना करना है, तो कालाष्टमी के दिन कुछ काले तिल लें, उन्हें भैरव बाबा पर ध्यान करके सात तिल अपने बच्चे के सिर पर रख दें। बार-बार प्रहार करना। याद रखें कि इसे एक बार एंटीक्लॉकवाइज और छह बार क्लॉकवाइज करना होगा। एक बार जब बीज अंकुरित हो जाएं, तो उन्हें बहते पानी की धारा में डाल दें और ऐसा करते समय मंत्र का जाप करें। ‘ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ’ मंत्र है।

9. यदि आप किसी कठिन परिस्थिति में हैं और कोई रास्ता नहीं मिल रहा है तो कालाष्टमी के दिन आपको मंदिर में सूती धागे और शमी के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाना चाहिए। इसके बाद भगवान भैरव के मंत्र का जाप करें और मानसिक ध्यान में लग जाएं। मंत्र है ‘ओम ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ओम।’

10. यदि आपको लगता है कि आपके घर में बहुत अधिक नकारात्मकता है और आपके परिवार के सदस्यों को काम करने की प्रेरणा नहीं मिलती है तो कालाष्टमी के दिन मौली से एक लंबा धागा निकालकर उसमें सात गांठें लगाएं और इसे अपने घर ले आएं। कृपया मुख्य द्वार पर बाँध दें। प्रत्येक गांठ बांधते समय मंत्र का जाप करें। ‘ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ’ मंत्र है।

11. यदि आप अपनी कमाई को और भी अधिक बढ़ाना चाहते हैं। अत: कालाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि करने के बाद भगवान भैरव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और उन्हें जलेबी का भोग लगाना चाहिए। उनके मंत्र का जाप भी करना चाहिए। ‘ॐ ह्रीं बटुकाय आपुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ’ मंत्र है।

12. अगर आप अपने जीवन में स्थिरता बनाए रखना चाहते हैं तो कालाष्टमी के दिन स्नान आदि करने के बाद आपको भैरव बाबा को कुछ काले तिल भेंट करने चाहिए। मंत्र जाप और घंटा या घंटी बजाकर भगवान की पूजा करना भी उचित है। “ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ” मंत्र है।

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