World Soil Day 2023 Soil स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक कदम
दुनिया भर में हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन किसान भाइयों को मिट्टी की स्थिति की जानकारी दी जाती है। हम आज आपके साथ साझा करेंगे कि मृदा स्वास्थ्य के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं।
इस दिन के अतीत के संदर्भ में, अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ (आईयूएसएस) ने 2002 में एक पहल के रूप में विश्व मृदा दिवस आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था। कृषि विशेषज्ञों का दावा है कि खेती के लिए मिट्टी आवश्यक है। मिट्टी जितनी अधिक उपजाऊ होगी, फसल उतने ही बेहतर परिणाम देगी।
ये है एक्सपर्ट की राय
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. श्योराज सिंह के अनुसार विश्व मृदा दिवस का लक्ष्य किसानों में मिट्टी के मूल्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस बार शिविरों के आयोजन के माध्यम से किसानों को अच्छी मिट्टी बनाए रखने के तरीके और अपने खेतों की मिट्टी की जांच कराने के फायदे बताए जा रहे हैं। डॉ. सिंह के अनुसार, बदलती जलवायु परिस्थितियाँ और पानी की उपलब्धता मिट्टी को बीमार बना रही है। परिणामस्वरूप, मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है और मिट्टी के जैविक गुणों में गिरावट के कारण यह प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील होती जा रही है। मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखने के लिए जैविक खाद डालें। परिणामस्वरूप, कृषि भूमि में अभी भी उच्च उर्वरता है और अच्छी पैदावार होती है। किसानों को अपनी आय दोगुनी करने के लिए रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग कम करना चाहिए और अपने खेतों की मिट्टी की जांच करानी चाहिए।
किसानों ने क्या कहा?
किसानों का मानना है कि मृदा स्वास्थ्य परीक्षण महत्वपूर्ण है, क्योंकि रसायनों के अत्यधिक उपयोग के परिणामस्वरूप, मिट्टी बंजर हो रही है। जैविक खाद के उपयोग से फसल की पैदावार एवं गुणवत्ता में वृद्धि होगी। किसान मुकेश ठेनुआ के मुताबिक मिट्टी की गुणवत्ता पहले से कम हो गयी है. इससे फसल उत्पादकता पर भी असर पड़ रहा है.